Professional course: साइंस स्ट्रीम से 12वीं पास है तो स्पेस साइंस फील्ड में ऐसे बनाएं सुनहरा कॅरियर

बेहद चुनौतीपूर्ण क्षेत्र माना जाता है स्पेस साइंस (Space science)। अंतरिक्ष विज्ञान (एस्ट्रोनॉमी) विज्ञान (Astronomy Science) की ऐसी शाखा है जिसके अंतर्गत पृथ्वी (earth) के अलावा करोड़ों ग्रहों, उपग्रहों, तारों, धूमकेतुओं, आकाशगंगाओं एवं अन्य अंतरिक्षीय पिंडों (Planets, satellites, stars, comets, galaxies and other space objects) का अध्ययन किया जाता है। इसके अलावा अंतरिक्ष विज्ञान के अंतर्गत उन नियमों व प्रभावों का भी अध्ययन होता है जो इन्हें संचालित करते हैं। जानें इस क्षेत्र में:—
कॅरियर बनाने के बारे में
कॅरियर के लिहाज से स्पेस साइंस की शाखाएं: अंतरिक्ष की तरह अंतरिक्ष विज्ञान का भी कोई अंत नहीं है। इसमें कई शाखाएं हैं जिनके अध्ययन के दौरान आप उसी फील्ड में आगे बढ़ सकते हैं। एस्ट्रोफिजिक्स, गैलेक्टिक साइंस, स्टेलर साइंस, रिमोट से सिंग, हाइड्रोलॉजी, कार्टोग्राफी, नॉन अर्थ प्लेनेट्री साइंस, बायोलॉजी ऑफ अदर प्लेनेट्स, एस्ट्रोनॉटिक्स, स्पेस कोलोनाइजेशन, कॉस्मोलॉजी, क्लाइमेटोलॉजी साइंस (Astrophysics, Galactic Science, Stellar Science, Remote to Sing, Hydrology, Cartography, Non Earth Planetary Science, Biology of Other Planets, Astronautics, Space Colonization, Cosmology, Climatology Science) आदि शामिल हैं। इन शाखाओं में स्पेशलाइजेशन भी किया जा सकता है। स्पेस साइंटिस्ट के इन पदों के अलावा मेट्रोलॉजिकल सर्विस, एन्वायरन्मेंटल मॉनिटरिंग, एस्ट्रोनॉमिकल डाटा स्टडी (Metrological Service, Environmental Monitoring, Astronomical Data Study) आदि के फील्ड से जुड़कर भी बेहतर कॅरियर बनाया जा सकता है।
रोजगार के मौके : इस क्षेत्र में पढ़ाई करने के बाद कॅरियर के लिए नौकरी की कई राहें खुल जाती हैं। प्रोफेशनल को नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा), इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो), डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन, हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, नेशनल एयरोनॉटिकल लैबोरेट्री (एनएएल) आदि में विशेष पदों पर काम करने का मौका मिलता है। इनके अलावा स्पेसक्राफ्ट सॉफ्टवेयर डेवलपिंग फर्म, रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर, स्पेसक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग फर्म, स्पेस टूरिज्म में भी रोजगार के कई अवसर है?। यदि आपको टीचिंग का क्षेत्र पसंद है तो यूनिवर्सिटी या संस्थानो? में स्पेस साइंस प्रोफेसर के रूप में पढ़ा सकते हैं।
जरूरी योग्यता : इस क्षेत्र मे बैचलर्स से लेकर पीएचडी लेवल तक के कोर्स उपलब्ध है?। बैचलर्स स्तर की पढ़ाई करने के लिए साइंस (फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथेमेटिक्स) विषय से 12वीं कक्षा पास की हो। साइंस से स्नातक होने के बाद एस्ट्रोनॉमी थ्योरी या एस्ट्रोनॉमी ऑब्जर्वेशन कोर्स चुन सकते हैं। इसके बाद विशिष्ट कोर्सेज में मास्टर्स व पीएचडी कर सकते हैं।
इन पदों पर कर सकते हैं काम
विभिन्न सरकारी और निजि संस्थानों में विभिन्न व विशिष्ट पदों पर काम कर सकते हैं। स्पेस साइंटिस्ट, एस्ट्रोनॉमर, एस्ट्रोफिजिसिस्ट, मैटीरियोलॉजिस्ट, क्वालिटी एश्योरेंस स्पेशलिस्ट, रडार टेक्नीशियन, रोबोटिक टेक्नीशियन, सेटेलाइट टेक्नीशियन और जियोलॉजिस्ट आदि पदों पर कार्यरत हो सकते हैं।
यहां से ले सकते शिक्षा
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंग्लुरू
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑॅफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी, तिरुवनंतपुरम
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुम्बई
लखनऊ यूनिवर्सिटी
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स, बेंग्लुरू
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च, भुवनेश्वर
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कानपुर



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2tefY29

Comments

Popular posts from this blog

Sainik School Admission 2021-22: सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू, जानें पात्रता सहित पूरी डिटेल्स

AIIMS NORCET Result 2020: नर्सिंग ऑफिसर भर्ती परीक्षा के परिणाम जारी, यहां से करें चेक

RPSC Headmaster Bharti Result 2019: मैन लिस्ट, रिजर्व लिस्ट और कटऑफ मार्क्स सीधे यहां से करें डाउनलोड