क्या आप कभी गए हैं स्टडी घाट? बिहार में है एक एसा घाट जहां पर बैठकर उम्मीदवार करते हैं सरकारी नौकरी की तैयारी

अपने लक्ष्य को पाने के लिए बहुत महनत करनी होती है तभी हम उसे पाने में सफल हो पाते हैं। और अगर लक्ष्य सरकारी नौकरी हो, तो उसे पाने के लिए मेहनत और लगन क्या होती है ये कोई बिहार के छात्रों में देखे। अक्सर हम बिहार के छात्रों के संघर्ष से भरी कहानियां और उनकी मेहनत की कहानियां सुनते हैं, जिसमें वह बहुत कठिनाइयों के बाद सफलता प्राप्त करते हैं। एक ऐसी ही कहानी बिहार की राजधानी पटना में आई है। वहां गंगा नदी के किनारे बड़ी संख्‍या में छात्र खुले आसमान के नीचे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते नजर आए हैं।

इन दिनों सोशल मीडिया पर बिहार की राजधानी पटना की एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें छात्र और छात्राएं गंगा नदी के घाट पर बैठकर पढ़ाई करते नजर आ रहे हैं। यह तस्‍वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा हैं। ये वायरल हो रही तस्वीर बिहार के NIT घाट की है, जहां सैकड़ों की संख्या में उम्मीदवार पढ़ाई कर रहे हैं।

तस्वीर में जो बच्चे दिख रहे हैं उनमें से ज्यादातर पटना यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स हैं। ये छात्र-छात्राएं रोज सुबह 4 से 6 बजे के बीच गंगा घाट पर इकट्ठा होते हैं और परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। दरअसल पटना विश्वविद्यालय और इससे मान्यता प्राप्त कई कॉलेज जैसे पटना कॉलेज, साइंस कॉलेज गंगा घाट के किनारे स्थित हैं। लंबे समय से अक्सर इन कॉलेजों के स्टूडेंट्स को गंगा किनारे बैठकर पढ़ाई करते देखा जाता रहा है।

यह तो हम सब जानते हैं कि बिहार के छात्र भारत के हर ऊंचे पद पर हैं। ना केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी बिहार के छात्रों ने अपना लोहा मनवाया है। अपको बता दें कि बिहार की रजधानी पटना को छात्रों का गढ़ माना जाता है। यहां विभिन्‍न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र पढ़ने आते हैं।

तो वहीं वायरल हो रहीं इन तस्वीरों को देखते हुए सोशल मीडिया पर लोग छात्रों के संघर्ष को देखते हुए तरह तरह की प्रतिक्रियाए दे रहे हैं। यहां की एक तस्वीर IAS अधिकारी अवनीश शरण ने शेयर किया है, इस तस्वीर को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, "हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए"। तस्वीर को देखने के बाद कमेंट सेक्शन में कई लोग इससे प्रेरणा लेते हुए दिखाई दे रहे हैं, और इन छात्रों की मेहनत और लगन को देखते हुए इसकी सराहना करते नजर आ रहे हैं।

एस. के. झा ने आगे कहा, "इसके पीछे एकमात्र कारण बेरोजगारी है। हम इसे बेरोजगारी को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। हम सभी - छात्र और शिक्षक - हर दिन एक कदम बढ़ा रहे हैं। ये सभी छात्र साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं। 30-35 लोगों की एक टीम छात्रों के लिए पूरे सप्ताह टेस्ट पेपर पर काम करती है।"

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ये तस्वीरें बिहार के छात्रों की मेहनत और प्रतिकूल परिस्थित‍ियों में भी संघर्ष करने की उनकी क्षमता को दिखाती है। तस्वीर वायरल होने के बाद छात्रों के इस जुनून और मेहनत को देशभर से सराहना मिल रही है।

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