आईआईटी दिल्ली और एम्स स्थापित करेंगे बायोमेडिकल रिसर्च पार्क

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-दिल्ली (आईआईटी-डी) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने हरियाणा के झज्जर में बायोमेडिकल रिसर्च पार्क स्थापित करने के लिए गुरुवार को एक समझौता किया। इस समझौते के तहत स्वास्थ्य देखभाल के लिए बहुविषयक अनुसंधान को शुरू किया जाएगा। समझौते में एक संयुक्त पीएच.डी. प्रबंध कार्यक्रम और दोनों संस्थानों के अनुबंधित शिक्षक शामिल होगा। आईअईटी-डी के अनुसंधान और विकास के डीन बी.आर. मेहता ने कहा कि संस्थानों ने पहले ही 20 परियोजनाएं शुरू कर दी हैं। उनका लक्ष्य दवा वितरण प्रणाली, कृत्रिम बुद्धिमता, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स, उन्नत सामग्री इत्यादि के विकास में विस्तार करना है।

मेहता ने बताया कि रिसर्च पार्क पर कार्य अभी शुरू होना बाकी है लेकिन अन्य 20 परियोजनाओं पर कार्य पहले ही शुरू हो चुका है। दोनों संस्थान अनुसंधान के लिए अपने-अपने फंडों का प्रयोग कर रहे हैं। हमने सरकार से विशेष अनुदान के लिए आवेदन नहीं किया है। हम जल्द से जल्द इस कार्य को शुरू करना चाहते हैं। आईआईटी दिल्ली के निदेशक वी. रामगोपाल राव ने इसे दोनों संस्थानों के लिए एक ऐतिहासिक दिन करार दिया। एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि प्रौद्योगिकी स्वास्थ्य देखभाल का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुकी है। यह देखने की जरूरत है कि कैसे प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया जा सकता है। दोनों संस्थानों ने संयुक्त प्रस्ताव मांगे हैं, जिसकी अंतिम तिथि 30 सितंबर है।

अल्पसंख्यकों के लिए पहले ‘विश्व स्तरीय’ शिक्षा संस्थान की नींव अगले महीने

अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने गुरुवार को कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए प्रस्तावित पांच ‘विश्व स्तरीय’ शिक्षा संस्थानों में से पहले संस्थान की नींव अगले महीने की शुरुआत में रखी जाएगी। नकवी ने कहा कि हरियाणा के मेवात जिले में एक ‘सुंदर स्थान’ पर 16 एकड़ जमीन अधिगृहीत कर ली गई है। नींव सितंबर के पहले सप्ताह में रखी जाएगी। नकवी ने कहा कि सबसे पिछड़े जिले मेवात को एक ऐसे संस्थान की जरूरत है, जो देश के किसी अन्य स्थान पर नहीं हो। हमें उम्मीद है कि संस्थान 2021 तक तैयार हो जाएगा और शुरू हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि संस्थान के पास कौशल विकास केंद्रों के अलावा प्राथमिक से लेकर डिप्लोमा और डिग्री स्तर तक की शिक्षा का प्रावधान होगा। उन्होंने कहा कि इसके पास आधुनिक सुविधाओं से लैस होस्टल के अलावा प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए एक कोचिंग केंद्र भी होगा। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा, कौशल और ज्ञान का केंद्र होगा। मंत्री ने स्पष्ट किया कि संस्थान सभी समुदायों के लिए होगा। मौलाना आजाद शिक्षा फाउंडेशन इस संस्थान का शासी परिषद होगा लेकिन इसे ‘प्रतिष्ठित निजी और सरकारी संगठनों’ द्वारा चलाया जाएगा। नकवी ने कहा कि हम कुछ भारतीय और विदेशी संगठनों से बात कर रहे हैं, जिन्होंने पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप) मोड के तहत संस्थान को चलाने में रुचि दिखाई है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2opgLat

Comments

Popular posts from this blog

Sainik School Admission 2021-22: सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू, जानें पात्रता सहित पूरी डिटेल्स

RPSC Headmaster Bharti Result 2019: मैन लिस्ट, रिजर्व लिस्ट और कटऑफ मार्क्स सीधे यहां से करें डाउनलोड

AIIMS NORCET Result 2020: नर्सिंग ऑफिसर भर्ती परीक्षा के परिणाम जारी, यहां से करें चेक