Rajasthan University: एडमिशन के लिए जमा कराने होंगे ओरिजनल डॉक्यूमेंट, जाने डिटेल्स
Rajasthan University: राजस्थान विश्वविद्यालय अपने संघटक कॉलेजों में एडमिशन में मनमानी कर यूजीसी के नियमों की अवहेलना कर रहा है। यूजी और पीजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के समय छात्र-छात्राओं के मूल शैक्षणिक दस्तावेज जमा कराए जा रहे हैं। जबकि यूजीसी के नियमानुसार मूल दस्तावेज जमा कराने का काई प्रावधान नहीं है। राजस्थान विवि के चारों संघटक कॉलेजों में प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले करीब 6500 विद्यार्थी परेशान हैं। डॉक्यूमेंट जमा कराने वाले छात्रों को ये भी पता नहीं होता कि ये वापस कब मिलेंगे। दरअसल, जमा करते समय विवि रसीद भी नहीं दे रहा है। अच्छे अंक लाने वाले छात्र-छात्राएं मूल दस्तावेज जमा कराने में डर रहे हैं। उनका कहना है कि अभी देश के कई बड़े कॉलेजों की सूची आनी बाकी है। वहां उनका प्रवेश हो गया और मूल दस्तावेज के अभाव में कैसे प्रवेश ले पाएंगे।
पीजी, पीएचडी में भी मूल दस्तावेज
राजस्थान विवि में केवल यूजी कोर्स ही नहीं बल्कि पीजी व पीएचडी कोर्स में प्रवेश के लिए भी विद्यार्थियों को मूल दस्तावेज जमा किए जाते हैं। विवि का तर्क है कि नामांकन के लिए दस्तावेज एक बार लिए जाते हैं, जिन्हें कुछ समय बाद वापस विद्यार्थी को लौटा दिया जाता है। लेकिन पीजी व पीएचडी पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने पर तो 6-8 महीने तक विद्यार्थियों व शोधार्थियों को मूल दस्तावेज वापस नहीं मिल पाते।
यह है यूजीसी का नियम
यूजीसी ने दिसम्बर 2016 ने निर्देश जारी किए थे। जिसमें 4.1 पैरा के अनुसार कोई भी उच्च शिक्षण संस्थान प्रवेश के समय किसी भी विद्यार्थी के मूल दस्तावेज जमा नहीं कर सकता। शिक्षण संस्थान मूल दस्तावेज देखकर सत्यापित करेंगे। दस्तावेजों की फोटो प्रति अपने पास रखेंगे। मार्च 2018 में तत्कालीन मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री ने भी लोकसभा में जवाब दिया था कि प्रवेश के समय शिक्षण संस्थान मार्कशीट, स्थानांतरण प्रमाण पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र की मूल कॉपी जमा नहीं कर सकते। दस्तावेज जमा होने से कई बार छात्र उच्च गुणवत्ता वाले दूसरे संस्थान में प्रवेश होने के बाद भी एडमिशन लेने से वंचित रह जाते हैं। इसीलिए मूल दस्तावेज के स्थान पर विद्यार्थी की स्व प्रमाणित फोटो प्रति ही रखी जाएगी।
छात्र-छात्राएं परेशान, दस्तावेज जमा कराएं या नहीं
केस 01
वैशालीनगर निवासी प्राची का महारानी कॉलेज की बीए की पहली सूची में नाम आया है। महारानी कॉलेज व दिल्ली विवि के कॉलेजों के लिए आवेदन किया है। महारानी कॉलेज में मार्कशीट, टीसी सभी कुछ जमा कर रहे हैं। मेरा नाम अगर दिल्ली विवि की प्रवेश सूची में आ गया तो मूल दस्तावेज के अभाव में प्रवेश ही नहीं हो पाएगा।
केस 02
महाराजा कॉलेज में पहली सूची में अखिलेश का चयन हुआ है। अखिलेश ने बताया कि उसने 12 वीं कक्षा में 96 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं। उसे दिल्ली विवि में चयन का भी भरोसा है। कॉलेज में मार्कशीट, टीसी की मूल कॉपी जमा कर ली गई। कोई रसीद भी नहीं दी। अब दिल्ली विवि में चयन हुआ तो एडमिशन नहीं ले पाउंगा।
नामांकन के लिए एक बार मूल दस्तावेज लेते हैं। मूल दस्तावेज जमा नहीं करने का यूजीसी का कोई सर्कुलर है तो उसका परीक्षण करा लेंगे।
- प्रो. आर.के. कोठारी, कुलपति, राजस्थान विवि
राज. बोर्ड वालों ये केवल टीसी, सीसी ही लेते हैं। सीबीएसई व अन्य बोर्डों वालों से मार्कशीट लेकर कुछ समय बाद लौटा देते हैं। सर्कुलर की जानकारी नहीं है।
- जी.पी. सिंह, डीएसडब्ल्यू
वापस कब मिलेंगे, पता नहीं
नौकरी पानी हो या अन्यत्र प्रवेश, डॉक्यूमेंट का अता-पता नहीं
6500 नव प्रवेशित साथ हो रहे परेशान, पीजी-पीएचडी-एमफिल के छात्रों से भी ले रखे डॉक्यूमेंट
6500 सीटें हैं विवि के चारों संघटक कॉलेजों में
27,000 छात्र-छात्राएं हैं विवि में
85 फीसदी सीटों पर एडमिशन हुए पहली सूची में
90 फीसदी से अधिक अंक वाले हैं अधिकतर विद्यार्थी
विवि सत्यापन के लिए एक बार ओरिजनल डॉक्यूमेंट लेता है। जो कि सत्यापन के बाद 2-4 दिन में ही वापस किए जाने चाहिए। लेकिन, अगर ज्यादा दिन तक डॉक्यूमेंट रखे जा रहे हैं तो यह बिल्कुल गलत है।
- अर्जुन तिवारी, प्रांत संगठन मंत्री, एबीवीपी
यूनिवर्सिटी एनरोलमेंट और वेरिफिकेशन के लिए डॉक्यूमेंट लेती है। वह भी दूसरे संस्थान या बोर्ड से आने पर। वेरिफिकेशन किया जाना चाहिए। लेकिन, यूनिवर्सिटी अधिक ीसमय तक स्टूडेंट के डॉक्यूमेंट नहीं रख सकती। ऐसा करने पर हम विवि का विरोध करेंगे।
- जसविंदर, राष्ट्रीय प्रवक्ता, एनएसयूआई
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