मयचअल फड म नवश क लए कस कर फड क चयन

ज्यादातर लोग म्यूचुअल फंड चुनते समय आमतौर पर पिछले रिटर्न पर निर्भर रहते है, लेकिन पिछले रिटर्न के साथ चुनौती यह है कि संबंधित फंड आगे भी वही फायदा देगा, ऐसा हो भी सकता है और नहीं भी। तो लगातार रिटर्न पाने की तरकीब क्या हैं। तरकीब यह है कि फंड हाउस के हाथ में जो है, उस पर ध्यान केंद्रित किया जाए और इसे इतनी अच्छी तरह से किया जाए कि अंततः वह तैयारी निरंतर प्रदर्शन देने में मदद करे।

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फंड हाउसों का चयन में बरते सर्तकता

बात जब म्यूचुअल फंड में निवेश की हो तो इसमें निवेशक जो प्रमुख गलती करते हैं वह यह कि वे फंड हाउसों का चयन सही तरीके से नहीं कर पाते हैं। निवेशक हमेशा उन फंड हाउस, फंड मैनेजर, तथाकथित यूट्यूब विशेषज्ञ इत्यादि के नाम पर ‌विश्वास करते हैं, जिनके बारे में बहुत ज्यादा सुना होता है। सिर्फ इसलिए किसी का चयन नहीं करना चाहिए कि कोई व्यक्ति अतीत में सफल रहा है तो वह भविष्य में भी सफल होगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है। इसके अलावा, व्यक्तिगत पूर्वाग्रह, निवेश के तरीके और तमाम सारी मान्यताएं भी निरंतरता पर विपरीत प्रभाव डाल सकती हैं।

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निवेशक शिक्षा अभियान

निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड के हाल में प्रदर्शित किए गए निवेशक शिक्षा अभियान में इस बात पर फोकस किया गया है कि फंड हाउस के फंड मैनेजर से अधिक उसकी मजबूत प्रक्रियाएं हैं। यह प्रक्रियाएं फंड हाउस की खूबसूरती है और प्रत्येक निवेशक को इसे ध्यान में रखना चाहिए। निवेशकों को उन कार्यप्रणाली और संरचनाओं की तलाश करनी चाहिए, जिनके कारण फंड हाउस को सफलता मिली है और यह पूछना चाहिए कि क्या यह पद्धति भविष्य के लिए पर्याप्त मजबूत है। निप्पॉन अभियान का उद्देश्य निवेशकों को सही निवेश निर्णय लेने के लिए शिक्षित करना है। एक फंड मैनेजर को बाजार की जटिलताओं, अस्थिरता और अनिश्चित आर्थिक माहौल का सामना करना पड़ता है, जो किसी के भी निवेश के बेहतरीन निर्णयों पर पानी फेर सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि जोखिमों को कम करने के लिए फंड हाउस की प्रक्रियाएं महत्वपूर्ण होती हैं।

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फंड प्रबंधकों का ढांचे में काम करना आवश्यक

फंड प्रबंधकों को इस ढांचे के भीतर काम करना आवश्यक है। प्रक्रियाएं फंड प्रबंधकों को यह जानने में मदद करती हैं कि अनिश्चित समय में क्या करना है। हालांकि वह बाजार की गतिविधियों को नियंत्रित नहीं कर सकता है, लेकिन प्रक्रियाएं उसे यह जानने में मदद करती हैं कि उसे कहां निवेश करना है, कब निवेश करना है और कब निवेश से बाहर निकलना है। निप्पॉन की प्रक्रिया में फंड प्रबंधकों के लिए यह जानने के लिए दिशानिर्देश शामिल हैं कि वे किस प्रकार का जोखिम ले सकते हैं। कितना जोखिम लेने की अनुमति है और ऐसा कोई जोखिम जो कभी नहीं लिया जाना चाहिए। यह प्रक्रिया व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों और एकाग्रता जोखिमों से बचाव भी सुनिश्चित करती है। विश्लेषकों का मानना है कि मजबूत प्रक्रियाओं वाले फंड हाउस संभावित रूप से निवेशकों को अधिक रिटर्न देते हैं।



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